कन्नौज अन्ना जानवरों जानवरों का कृषि फसलों फसलों पर भारी जोकिंग और जन हानि की देते हैं दावत

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कन्नौज अन्ना जानवरों का कृषि फसलों पर भारी जोखिम और जन हानि को देते है दावत
कन्नौज जिला साघन कृषि क्षेत्र में जाना जाता है यहा पर छोटे-छोटे और अतिलघु किसान, गरीब किसान खेती करते है जिनके पास दूसरा पेट पालने के लिए साधन नहीं है |
अब से पूर्व समय में सैकड़ों बीघा जमीन खाली पड़ी रहती थी और अब जानवरों के लिए बैठने के बैठने तक के लिये जमीन नहीं है फिर छुट्टा जानवर कहां जाये | गौशालाओं की उपयोगिता कागजों में सिमट कर रह गई है | दिनांक 16 मई को इकट्ठा हो गए गोवंश की सूचना पर पकड़ने के लिए कैटल कैचर वाहन ( गाड़ी ) बाल एवं पुष्टाहार केन्द्र बहादुरपुर
साखौली समीप तिर्वा कोल्ड स्टोर के पास आई और किसानों को गुमराह करते हुए क्रूर मजाक बनाकर बगैर कोई जानवर लादे किसानों को लल्कारते हुए वापस चली गई |
संपादक के 17 मई पर पहुंचने पर किसानों ने डरते हुए अन्ना जानवरों को झुंड में दिखाया सोचना पड़ रहा है कि किसान के आंगन में यदि अन्नाज आज नहीं आयेगा और किसानो की गडी कमाई अन्ना जानवर से यूही ही नष्ट हो जाएगी तो क्या सरकार की किसानों को मालामाल या विनाश करने का कार्य पूरा किया जाएगा |
किसानो की आमदनी की बात हो गई दूर की किसान दबी जुबान से क्या कहें और क्या करें सामने खड़ा है भूचाल | दिलों पर सरकार के प्रति भूचाल उठना लाजमी है | उनका विरोध करना भौतिकता में सही साबित हो रहा है |
यह कहना कि किसान दूध देने के बाद गोवांशो को छोड़ देता है | तो छल्ला टोकन भी लगे हो तब साबित हो सकता है नहीं तो सरकार का यह कहना गलत होगा | किसानों के दरवाजे पर गोवंशो के मर जाने उसे गड्ढा खोदकर दफना देते है ताकि गोवंशो का मांस अन्य जानवर ना खा कर सके |
अन्ना जानवर किसानों के बन बैठे शत्रु उसकी फसलों पर तमाम शत्रु बराबर मौजूद रहते है यह सोच कर तो सरकार की धरोहर में दिया गया शत्रु है|किसानों पर गंभीर जांच का विषय और व्यवस्था का सरकार के लिए प्रश्न खड़ा है | और जिसमें कोई प्रबन्ध किया जाता वह नाकाफी साबित हो रहा है |
वर्ल्ड न्यूज 24 संपादक रघुराज सिंह चौहान की खास रिपोर्ट

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