कन्नौज नगर पंचायत तिर्वा पर बस्ती से या फिर आकाश से आ जाएं परंतु जा नहीं सकते ना तो कच्चे रास्ते से और ना पक्के रास्ते से देखो क्या अद्भुत नजर

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कन्नौज नगर पंचायत तिर्वा पर बस्ती से या फिर आकाश से आ जाएं परंतु जा नहीं सकते ना तो कच्चे रास्ते से और ना पक्के रास्ते से देखो क्या अद्भुत नजर
कन्नौज माननीय मुख्यमंत्री जी ने महत्वाकांक्षी महिम स्वच्छता अभियान चलाई थी ताकि जनसंचारी रोगों पर नियंत्रण हो सके तालाब तथा नालियों में गंदा दूषित जल निकलता रहे । परन्तु लाखों रुपया खर्च होने के बाद भी तिर्वा ने स्वच्छता अभियान पर कार्य नहीं हुआ उसका उदाहरण इस तालाब को देखकर लगाया जा सकता इस पर सौंदर्यीकरण तो दूर की बात परन्तु जलकुंभी इतनी व्यापक हो गई की तालाब का नाम और निशान नहीं दिखाई देता तालाब की दशा और आसपास की नालियां जो पानी को किसी भी दिशा में कोई मार्ग न होने पर निकल नहीं पाती है इसलिए पूरा पानी कस्बा में भरा का भरा रहता है ।
आप हैरान हो जाएंगे क्योंकि नगर पंचायत में जहां चाहे जल वर्षा का हो या फिर कस्बा का पूरा गंदा पानी तिर्वा कोतवाली डी.एन. इंटर कॉलेज और समीप प्रतापपुर गांव की तथा संबंधित सड़कों पर 5 फीट तक गहरा पानी भरा रहता है जो घोर संकट का सबक बना रहता थोड़ा जल वर्षा से हो जाए तो तालाब अपना विकराल रूप ले लेता है ।
सड़कों पर ऐसी स्थिति में पुलिस जवान सड़क पर निकलने के बजाय इस भयानकता का रोना दिखाई दे देते हैं तथा प्रतापपुर और कोल्ड स्टोर के व्यापारी और किसान एकमात्र रास्ता होने के कारण आवागमन से बिल्कुल वंचित हो गये
सरकार के प्रभावी फरमान को धराशाई कर दिया इस नगर पंचायत में सरकार ने लाखों रुपया दिया इन तालाबों को सौंदर्यकरण करने के लिए और जनसंचारी रोग पर नियंत्रण किया जा सके परन्त इसके सापेक्ष नगर पंचायत कस्बा का गंदा जहरीला पानी प्रियतम तालाब मैं घूम करके इकट्ठा किया जाने लगा जो तालाब के पास अन्नपूर्णा मंदिर एवं कई प्रतिष्ठान बने हुए है वहां पर पर्यटक भी 5 मिनट नहीं बैठ सकते और जहरीले गंदे पानी हवा से भयानक तूफान में सांस लेना मुश्किल पड़ता है ।
आखिर क्यों किया गया मोड़कर दूसरी पानी को इस तालाब में जो राजा की निजी संपत्ति है यहां से भी जहरीले पानी को ना तो कच्चा और ना ही पक्का बनवाया गया दूसरी तरह से गंदे जल को मोड़कर इकट्ठा कर दिया गया कहना चाहिए तिर्वा भूगर्भ जल इतना दूषित हो गया कि यहां के निवासियों को दूषित जल ही पीना पड़ता तिर्वा मे ऐसे जल का परीक्षण करवाया जाए ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके ।
तिर्वा मै भूगर्भ जल की स्थिति सोचनी है इस तालाब से निकले हुए गंदे पानी का प्रकोप यही नहीं रुकता यहां व्यापारियों की गोदाम में तीव्र गति से पहुंचकर गोदाम को रखें फर्टिलाइजर और कीमती चीजों को नष्ट कर देता जिससे व्यापारी वर्ग भी लाखों का नुकसान उठाते चले आ रहे और प्रार्थना इंद्र भगवान से करते की तिर्वा नगर में एक बूंद पानी ना वर्षे क्योंकि कस्बे का गंदा पानी का भार तो उठा ही लेते है
जैसे राखे राम ताहि विधि रहिए यह व्यापारियों का कहना निवासी गण आखिर कैसे इस त्रासदी से बच सके प्रशासन निराकरण नहीं करता कस्बा से बाहर नाला बनवाकर पानी को निकलवाया जा सके प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भौतिक सत्यापन की जानकारी करें और आम जनता को राहत देने का जनहित में कार्य भी करें इस खबर का प्रकाशन होने के बाद आखिर क्या निर्णय लिया जाता है जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा देखना है ।
वर्ल्ड न्यूज 24 संपादक रघुराज सिंह चौहान की रिपोर्ट

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