कन्नौज इतिहासिक नगर जिसे सेकंड अरब के नाम से भी जाना जाता है सौतेला भाई तिर्वा में देवीय मंदिर मे सुशोभित प्रथम स्थान जानिए कैसे

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कन्नौज इतिहासिक नगर जिसे सेकंड अरब के नाम से भी जाना जाता है सौतेला भाई तिर्वा में देवीय मंदिर मे सुशोभित प्रथम स्थान जानिए कैसे
व्यूरो रिपोर्ट तिर्वा दौलेश्वर गांव के खंडहर में स्वयंभू शिवलिंग लाट लावारिस विद्यामान थी जिसे ऋषि बंगाल निवासी आत्मानन्द जी अचानक यहां पर आ गये उन्होंने लाट को ऊंचा उठाकर स्थापना करने की बात कही थी मिट्टी का भराव डालने के लिए 10 व्यक्तियों को लगया गया था ।
शिवलिंग लाट को उठाना तो दूर की बात जितना उठाने की कोशिश करते शिवलिंग लाट उतनी ही जमीन में नीचे धंसती जाती थी। सभी कोशिशें नाकाम हुई | ऋषि ने कहा ऐसे ही मिट्टी का भराव डालो फिर फिर आश्चर्य की सीमा देखकर जितनी मिट्टी बढ़ती जाती है शिवलिंग ऊपर उठता जाता था क्योंकि 5 से 7 फीट की गहराई थी फिर ऋषि ने चबूतरे का निर्माण कराना शुरू कर दिया था।
यह घटना हवा की तरह क्षेत्रों में फैल गई और इस घटना को वर्षों में नहीं गिन सकते पूर्वजों के द्वारा यह घटना को बताते आ रहे है | इसका निर्माण लगातार जारी रहा और इसका भव्य स्वरूप देखने के लिए अपर जिला अधिकारी कन्नौज पी.सी. श्रीवास्तव और चार उप जिलाधिकारी ने भी निर्माण कराए
स्वयंभू शिवलिंग लाट पर अचानक दैवीय छाया प्रकट होने लगी और फिर मंदिर कपाट बंद कर ताला लगाया जाने लगा ।
कुछ ही वर्षों पहले इसका अलौकिक चमत्कार देखने को मिला अंध भक्तों ने रात्रि में ड्यूटी लगाई और रात में किसी समय शिवलिंग लाट पर ताजा पुष्प समर्पित होता है | इसका क्या राज है परन्तु किसी ने भी उस अदृश्य शक्ति
को आज तक नहीं देख पाया है।
इससे प्रमाणित होता है कि पृथ्वी पर आज भी देवताओं का आना जाना है।
संपादक महोदय ने गहन जांच पड़ताल शुरू की अजीबो-गरीब चौक-आने वाले सबूत यहां पर मिले चार सन्त रमेश दास पुजारी,बड़े बाबा जटाधारी विकलांग लक्ष्मण बाबा जी और रामआसरे बाबा जी मंदिर की सेवा रहते है |
यहां पर पुछताछ से पता चला यहां पर मन्दिर के दानपत्रों की चाबी देवपूर्वा के किसान राजेंद्र वर्मा के पास रहती है । दानपात्रों को खोल कर प्रति महीने लाखों के धनराशि स्वयं ले जाते है | किसी को कुछ भी नहीं मालूम इस तरह मंदिर के शोषण कर घोटाला सामने आया है ।
पूछताछ मैं आम लोगों से भी जानकारी हुई है देखना कि प्रशासन जांच कर क्या कार्रवाई करेगा इसका आम नागरिक को इंतजार है | संपादक महोदय ने किसान राजेंद्र से मिलने की कोशिश की तो कैमरे के सामने नहीं आए और कहने लगे तुम्हें किसने बुलाया क्यों आए यह कहते निकल गये किसी तरह गोपनीय तौर से फोटो कैमरे में कैद कर ली है।

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